Header Ads Widget

Responsive Advertisement

Ticker

IMPORTANCE OF TIME (SHORT STORY PART-3)


 सेलिब्रेशन के बाद सभी स्टूडेंट्स अपने अपने घर जाने लगे।  कुछ स्टूडेंट्स ने हर्ष से पूछा भी की आखिर उसने ऐसा क्यों किया पर हर्ष ने कुछ जवाब नहीं दिया। हर्ष को १८ तारीख को फ्लाइट थी उसने घर जाने से पहले मुझे एक चिठ्ठी दी जिसमे लिखा था की'' यू ब्यूटीफुल प्रिंसेस !! यू मेक माय लाइफ वंडर्स!!! आई लव यू फोरेवर एंडेवर "!!!


                                     
हर्ष ने मुझे ये चिठ्ठी श्रुति को उसके बिदेश  जाने से पहले देने को बोली फिर वो घर चला गया। दूसरे दिन हम कॉलेज में मिले उस दिन भी हर्ष नहीं आया थ। सुबहसे श्रुति मुझे कॉलेज में नहीं मिली मेने सोचा क्लास के बाद चिट्ठी उसे दे दूगी पर मुझे कुछ ऐसा अर्जेन्ट काम आ गया की में श्रुति से उस दिन मिल नहीं पायी। पूरा दिन ऐसे ही निकल गया रात को जब में सोने के लिए बीएड पर आयी तब हर्ष का कॉल आया उसने कहा " यार तूने वो चिठ्ठी देदी "। मेने उसको बोला की पूरा दिन आज काम था कल पक्का देदूगी ऐसा कह कर कॉल रख दिया।  दूसरे दिन कॉलेज क लिए निकल रही तब पापा ने मुझे कुछ काम क लिए रोक लिए और  उस दिन भी में कॉलेज न जा सकी। अब १७ को में कॉलेज क लिए निकली मुझे पक्का याद था की आज तो  चिट्ठी देनी ही हैं। क्लास में गयी तो श्रुति नज़र नहीं आ रही थी मेने जीत से पूछा तो उसने बताया की" मेने कॉल किया था पर उसको सर में दर्द हैं तो आज नहीं आयी"। मेने सोचा कॉलेज क बाद उसको चिठ्ठी दे आउंग। कॉलेज के बाद  में श्रुति के  घर की तरफ जा ही रही थी की पापा का कॉल आया और मुझे कुछ बैंक के काम से बुला लिया। फिर में श्रुति के  घर नहीं जा सकी। रात को हर्ष का कॉल आया उसके पूछने से पहले ही मेने उसे बता दिया की मेने चिठ्ठी अभी तक नहीं दी हैं और बोला की कल तेरे फ्लाइट से पहले पक्का दे  आउंगी।                                                                                                                                                                                                                                                              सुबह जब में उठी माँ पापा मेरे कमरे में केक लेकर खड़े थे आखिर मेरा बर्थडे जो था उस दिन !! पापा ने बोला आज तुजे कोय काम नहीं करना हैं और में ख़ुशी ख़ुशी केक काटकर तैयार होकर श्रुति क घर जाने के लिए निकल गयी क्युकी आज हर्ष क जाने से पहले मुझे वो चिट्ठी उसको देनी थी। आखिर में श्रुति घर पोहच ही गयी पर मेने देखा की उसके घर क बहार बहुत सारे लोग इक्कठा हुए खड़े थे।      

 में बड़ी सोच में पद गयी आखिर ये सब इधर इस तरह क्यों खड़े हैं ??? मेने जाकर देखा तो मेरे होश उड़गए क्युकी वह श्रुति की बॉडी पड़ी हुयी थी। श्रुति ने सुसाइड कर लिया था। में बड़ी ही हैरान हो गयी और पूरी तरह काँप रही थी क्युकी मेने चिठ्ठी टाइम से नहीं पहुचायी। श्रुति क पापा अपने  सर पर हाथ रखकर रो रहे थे बहुत ही दुखी थे आखिर उसकी एक लोती बेटी जो थी। उसी पल मुझे हर्ष का कॉल आता हैं और वो मुझे पूछने लगा की तूने चिठ्ठी दी ? में पूरी तरह से काँप रही थी हर्ष  के सवाल का मेरा पास कोय जवाब नहीं था। हर्ष फिरसे बोला की "मुझे पता हैं की तूने चिट्ठी नहीं दी होगी और अब देने की ज़रूरत भी नहीं हैं क्युकी मेरे पापा का ट्रांसफर कैंसिल हो गया और में अब यही श्रुति क साथ रहुगा"।  यह सुनकर मेरे हाथ से फ़ोन गिर गया। थोड़ी ही देर में हर्ष भी श्रुति क घर पोहचा उसने ये सब देखकर वो ज़मीं पर गिर पड़ा और रोते रोते उसने मुझे बड़ी ही दुःख भरी नज़र से देखा। में समज गयी थी की हर्ष ने मुझे ऐसे क्यों देखा। मुझे इस बात का पछतावा आज तक हैं की में वो चिट्ठी टाइम से श्रुति के पास 
नहीं पोहचायी। 


" ALWAYS BE ON TIME "

Post a Comment

1 Comments

if u have any doubts please let me know...